श्री राधामाधव देवस्थानम्

Shri Radha Madhav Devasthanam

मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।
मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।

श्री सिद्धि विनायक-सहस्त्रार्चन पूजा

श्री सिद्धि विनायक-सहस्त्रार्चन पूजा

भगवान गणेश के एक हजार नाम से ‘दूब’ का अर्पण होता है। एक हजार दूब गणेश जी को चढ़ाया जाता है एवं गणेश जी को धूप, दीप, नैवेद्य, ताम्बूल, नारियल से पूजा की जाती है। चतुर्थी तिथि को इस पूजा का विशेष फल होता है।

श्री सिद्धिविनायक सहस्रार्चन पूजा- भगवान श्री सिद्धिविनायक के एक हजार नाम से दूब अर्पण करने पर विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। जो मानव अपने जीवन में बारंबार विघ्न, उपद्रवों से ग्रसित रहता है, बुरी नजर के दोष से पीड़ित रहता है, गृह क्लेश से पीड़ित रहता है। धन की बारम्बार हानि से ग्रसित रहता है, शत्रु पीड़ा से ग्रसित रहता है, कोर्ट-कचहरी मुकदमें से पीड़ित है, हर कार्य में बाधा प्राप्त होने से पीड़ित है, बारम्बार जिसका परिश्रम व्यर्थ चला जाता है, आजीविका के सम्बन्ध में बारम्बार बाधा प्राप्त करता है। जो मानव लम्बे समय से ऋण ग्रस्त है। दुःस्वप्न देखा हो, ऐसे पीड़ित व्यक्ति यदि भगवान श्रीसिद्धिविनायक सहस्रार्चन पूजा प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि में एक वर्ष तक करते हैं तो भगवान श्री सिद्धि विनायक की कृपा से समस्त विघ्नों का नाश होता है एवं जीवन में शुभ अवसरों का आगमन होता है।

Scroll to Top