श्री राधामाधव देवस्थानम्

Shri Radha Madhav Devasthanam

मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।
मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
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दानम्

श्री राधामाधव भगवान जी की प्रसन्नता हेतु मंदिर में दिये जाने वाला दान

श्री राधामाधव देवस्थानम् मंदिर की प्रतिष्ठा

मंदिर के बारे में

मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है। वे भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं एवं रोग व्याधि से रक्षा प्रदान करते हैं। श्री राधामाधव भगवान का गर्भगृह मंदिर के मध्य भाग में स्थित है एवं उनके चारों दिशाओं में श्री सिद्धिविनायक गणपति, श्री सिद्धेश्वर हनुमान जी, श्री सिद्धिदात्री दुर्गाजी एवं श्री माधवेश्वर महादेव लिंग रूप में प्रतिष्ठित हैं। इस प्रकार यह श्री राधामाधव पंचायतन के रूप में प्रतिष्ठित है। श्री राधामाधव का दिव्य विग्रह पूर्वाभिमुख हैं। मंदिर गर्भगृह के मुख्य द्वार पर श्री भगवान के वाहन गरूड़ जी का श्रीविग्रह एवं पीतल धातु की ध्वजा स्थापित है तथा गर्भगृह के शिखर कलश पर श्री सुदर्शन चक्र स्थापित है। श्री राधामाधव के दक्षिण पश्चिम (नैऋत्य कोण) में श्री नागराज एवं श्री सर्पराज प्रतिष्ठित हैं एवं श्री राधामाधव विग्रह के ईशान भाग में नवग्रह मण्डल मंदिर स्थापित है। वहां पर सूर्यादि नवग्रह विग्रह अपने-अपने वाहन पर आरूढ होकर प्रतिष्ठित है।

फोटो गैलरी

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दान की गयी राशि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 G (2) (a) (iv) के अंतर्गत आयकर छूट के लिए मान्य
दान की गयी राशि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 G (2) (a) (iv) के अंतर्गत आयकर छूट के लिए मान्य

वीडियो

आगामी कार्यक्रम

मकर संक्रान्ति
मकर संक्रान्ति
15 जनवरी

मंदिर में मकर संक्रांति के अद्वितीय इवेंट में आत्मीयों के साथ भगवान का आशीर्वाद और खुशी का आभास होता है।

होलिकोत्सव
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25 मार्च

होलिकोत्सव, जिसे होली भी कहा जाता है, एक रंगबिरंगे और आनंदभरे हिन्दू त्योहार का प्रतीक है जिसे विशेषकर भारत में हर साल फागुन मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि
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8 मार्च

मंदिर में महाशिवरात्रि के धार्मिक आचरण में, भक्तों को भगवान शिव की पूजा और ध्यान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

श्रीराम नवमी
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17 अप्रैल

श्रीराम नवमी, हिन्दू पंचांग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला धार्मिक त्योहार है, जिसमें भगवान राम के जन्म की उत्सवी स्मृति की जाती है।

ज्ञान वाणी

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औषधि स्नान से नवग्रह शांति

भारतीय ज्योतिष शास्त्रानुसार सूर्यादि सभी ग्रह दुष्ट स्थान में बैठकर निश्चय ही मनुष्यों के अशुभ कर्मों के फलस्वरूप अनेक प्रकार से पीड़ित करते हैं। सूर्यादि

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सूर्य संक्रांति के दान

भारत वर्ष आध्यात्म एवं संस्कृति प्रधान देश है। यहां धार्मिक जीवन व्रत, पर्व, उत्सव, दान, जप-तप, पूजन आदि सत्कर्मों एवं पूण्यार्जन के कार्यों से सदा

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गुरूजी – वैशाख मास-min

वैशाख मास महिमा

भारतीय सनातन धर्मानुसार सभी मासों का किसी न किसी प्रकार से उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। सभी मास कुछ विशेष कृत्यों के द्वारा

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