श्री राधामाधव देवस्थानम्

Shri Radha Madhav Devasthanam

मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।
मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।

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औषधि स्नान से नवग्रह शांति

भारतीय ज्योतिष शास्त्रानुसार सूर्यादि सभी ग्रह दुष्ट स्थान में बैठकर निश्चय ही मनुष्यों के अशुभ कर्मों के फलस्वरूप अनेक प्रकार से पीड़ित करते हैं। सूर्यादि ग्रहों की प्रतिकूलता में व्याधिग्रस्त रोगी को औषधि भी अनुकूल फल प्रदान नहीं करती है, क्योंकि औषधि के गुण प्रभाव-बल-वीर्य को ग्रह हरण कर लेते हैं। अतः पहले ग्रहों को …

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सूर्य संक्रांति के दान

भारत वर्ष आध्यात्म एवं संस्कृति प्रधान देश है। यहां धार्मिक जीवन व्रत, पर्व, उत्सव, दान, जप-तप, पूजन आदि सत्कर्मों एवं पूण्यार्जन के कार्यों से सदा पूरित रहा है। परार्थ के लिए उत्सर्ग एवं त्याग यहां की सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है। दाता के लिए विशेष कल्याणकारी तथा ग्रहीता के लिए परम उपयोगी होने से …

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गुरूजी – वैशाख मास-min

वैशाख मास महिमा

भारतीय सनातन धर्मानुसार सभी मासों का किसी न किसी प्रकार से उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। सभी मास कुछ विशेष कृत्यों के द्वारा परम पुण्य फल प्राप्त करने वाले होते हैं। इसी प्रकार सभी मासों में वैशाख के समान कोई मास नहीं है। वैशाख मास अपने श्रेष्ठ कारणों से उत्तम मास है। वैशाख …

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गुरू पूर्णिमा

गुरूजी – महिमा

बिल्ववृक्ष महिमा लोकेन्द्र चतुर्वेदी भारतीय सनातन धर्म में बिल्ववृक्ष की विशेष महिमा बताई गई है। इसको देव वृक्ष की संज्ञा प्राप्त है। इस वृक्ष को श्रीफल वृक्ष भी कहते हैं। यह भगवान शंकर को अत्यंत प्रिय वृक्ष है एवं उनकी प्रसन्नता प्राप्त कराने वाला वृक्ष है। बिल्व वृक्ष के बिल्वपत्र से भगवान शंकर की प्रसन्नता …

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नवग्रह पूजा एवं हवन (नवग्रह शांति पूजा)

नवग्रह – गुरूजी

नवग्रह के दान लोकेन्द्र चतुर्वेदी ज्योतिष शास्त्र द्वारा सभी मानवों का जीवन प्रभावित होता है। वस्तुतः ज्योतिष में वर्णित ग्रह योग सम्पूर्ण मानव जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों की शुभाशुभ स्थिति से मानव जीवन के क्रिया-कलाप संचालित होते हैं। नवग्रह हमारे पूर्व जन्मों के शुभाशुभ कर्मों के फलों को …

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श्री सत्यनारायण कथा श्रवण

विवाह पंचमी

श्री विवाह पंचमी महिमा मार्गशीर्ष की पंचमी तिथि को त्रेतायुग में मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का विवाह जनकपुर में संपन्न हुआ था। सीता स्वयंवर में भगवान श्रीराम के द्वारा शिव धनुष भंग करने के उपरान्त विदेह राज जनक जी के द्वारा अयोध्यापुरी दूत भेजने पर महाराज श्री दशरथ जी के पुत्र श्री भरत जी एवं श्री …

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