श्री राधामाधव देवस्थानम्

Shri Radha Madhav Devasthanam

मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।
मंदिर परिसर में दिव्य विशाल पीपल वृक्ष है जो काफी प्राचीन समय से अपनी दिव्यता एवं चमत्कारिक गुणों के कारण क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय है। इस प्राचीन पीपल वृक्ष की ‘श्री लक्ष्मीनारायण पीपल’ के रूप में पूजा एवं सेवा की जाती है।

श्री शाकंभरी देवी जी की आरती

श्री शाकंभरी देवी जी की आरती

शास्त्रों के अनुसार माँ शाकंभरी को आदिशक्ति माँ दुर्गा का अवतार माना जाता है। माँ शाकंभरी की पूजा और उनकी आरती करने से जातक के जीवन में सुख समृद्धि आती है और उसके सभी कार्य सिद्ध होते है। कहते हैं कि नवरात्रि के दौरान माँ शाकंभरी की आरती पढ़ने से माँ की विशेष कृपा व्यक्ति पर हमेशा बनी रहती है। तो आइए पढ़ते हैं माँ शाकंभरी की आरती(Maa Shakumbhari Ki Aarti In Hindi) सरल भाषा में।

माँ शाकंभरी की आरती के लिरिक्स

 

हरी ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो |

शताक्षी दयालु की आरती कीजो तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप बखानी माँ |

शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो ……….

तुम्ही हो शाकुम्भर, तुम ही हो सताक्षी माँ, शिवमूर्ति माया प्रकाशी माँ |

शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो ………

नित जो नर – नारी अम्बे आरती गावे माँ इच्छा पूर्ण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे माँ

शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो…….

जो नर आरती पढ़े पढावे माँ, जो नर आरती सुनावे माँ, बस बैकुंठ शाकुम्भर दर्शन पावे |

शाकुम्भरी अंबा जी की आरती कीजो………

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